एक बार एक बुज़ुर्ग औरत और एक बुज़ुर्ग
एक बार एक बुज़ुर्ग औरत और एक बुज़ुर्ग
आदमी में काफी लम्बे समय से
बड़ी गहरी दोस्ती होती है,
एक दिन अचानक आदमी के दिमाग में कुछ
आता है और वह उस महिला के सामने
शादी का प्रस्ताव रख देता है
जिसके लिए वह महिला फ़ौरन हाँ कर
देती है।
इस घटना के अगले दिन जब वह आदमी सुबह
सो के उठता है तो उसे ठीक से याद
नहीं रहता की उस महिला नेउसके प्रस्ताव
का क्या जवाब दिया था।
काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब
याद नहीं आता है तो वह महिला को फ़ोन
लगाता है।
बुज़ुर्ग आदमी: कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर
तुमने क्या जवाब दिया था, हां या ना?
महिला: भगवान का लाख-लाख शुक्र है
कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने
हां ही दिया था पर मैं ये भूल गई
थी कि किसको दिया था..
आदमी में काफी लम्बे समय से
बड़ी गहरी दोस्ती होती है,
एक दिन अचानक आदमी के दिमाग में कुछ
आता है और वह उस महिला के सामने
शादी का प्रस्ताव रख देता है
जिसके लिए वह महिला फ़ौरन हाँ कर
देती है।
इस घटना के अगले दिन जब वह आदमी सुबह
सो के उठता है तो उसे ठीक से याद
नहीं रहता की उस महिला नेउसके प्रस्ताव
का क्या जवाब दिया था।
काफी देर तक कोशिश करने के बाद भी जब
याद नहीं आता है तो वह महिला को फ़ोन
लगाता है।
बुज़ुर्ग आदमी: कल मेरे शादी के प्रस्ताव पर
तुमने क्या जवाब दिया था, हां या ना?
महिला: भगवान का लाख-लाख शुक्र है
कि तुमने फोन कर लिया। जवाब तो मैंने
हां ही दिया था पर मैं ये भूल गई
थी कि किसको दिया था..
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